25 महत्वपूर्ण हिंदी के मुहावरे और लोकोक्तियों का अर्थ और वाक्यों में प्रयोग 2023!
हिंदी भाषा में मुहावरे और लोकोक्तियाँ एक प्रमुख भाग हैं जो हमारी भाषा को सुंदर, प्रभावी और रंगीन बनाते हैं। ये वाक्यांश या शब्दों के समूह होते हैं जो एक विशेष अर्थ प्रकट करते हैं। इन्हें अपनी साधारण अर्थ से अलग ही समझना चाहिए।
जब बात हिंदी के मुहावरों और लोकोक्तियों की होती है, तो यहां कुछ वाक्यों में उनका अर्थ और प्रयोग दिए गए हैं:
25 हिंदी के मुहावरे और लोकोक्तियाँ का अर्थ और वाक्यों में प्रयोग
1. खून ठण्डा होना
अर्थ: उत्साह से रहित होना या भयभीत होना
वाक्य प्रयोग: आतंकवादियों को देखकर मेरा तो खून ठण्डा पड़ गया।
2. गढ़ फतह करना
अर्थ: कठिन काम करना
वाक्य प्रयोग: आई.पी.एस पास करके दीक्षा ने सचमुच गढ़ फतह कर लिया।
3. गधे को बाप बनाना
अर्थ: काम निकालने के लिए मूर्ख की खुशामद करना
वाक्य प्रयोग : कार्तिक गधे को बाप बनाना अच्छी तरह जानता हैं।
4. घर घाट एक करना
अर्थ: कठिन परिश्रम करना
वाक्य प्रयोग: नौकरी के लिए संजय ने घर घाट एक कर दिया।
5. दिन गँवाना
अर्थ: समय नष्ट करना
वाक्य प्रयोग: बेरोजगारी में रोहन आजकल यूँ ही दिन गँवा रहा है।
6. पासा पलटना
अर्थ:स्थिति उलट जाना
वाक्य प्रयोग: क्या करें पास ही पलट गया। सोचा कुछ था हो कुछ गया।
7. पीछा छुड़ाना
अर्थ: जान छुड़ाना
वाक्य प्रयोग: बड़ी मुश्किल से मैं उससे पीछा छुड़ाकर आया हूँ।
8. नजरबंद करना
अर्थ: जेल में रखना
वाक्य प्रयोग – गाँधी जी को अंग्रेजो ने कई बार नजरबंद करके रखा था।
9. दीवारों के कान होना
अर्थ: किसी गोपनीय बात के प्रकट हो जाने का खतरा
वाक्य प्रयोग – दीवारों के भी कान होते हैं। अतः तुम लोग बात करते समय सावधानी रखा करो।
10. थक कर चूर होना
अर्थ: बहुत थक जाना
वाक्य प्रयोग – मई की धूप में चार कि० मी० की पैदल यात्रा करने के कारण मैं तो थककर चूर हो गया हूँ।
11. डंका बजाना
अर्थ: प्रभाव जमाना
वाक्य प्रयोग – आस्ट्रेलिया ने सब देशों की टीमों को हरा कर अपना डंका बजा दिया।
12. टाँग अड़ाना
अर्थ: अड़चन डालना
वाक्य प्रयोग – हर बात में टाँग ही अड़ाते हो या कुछ आता भी है तुम्हे ?
13. जूते पड़ना
अर्थ: बहुत निंदा होना
वाक्य प्रयोग – अभी आपको मेरी बात समझ में नहीं आ रही। जब जूते पड़ेंगे तब समझ में आएगी।
14. छोटा मुँह बड़ी बात
अर्थ: हैसियत से अधिक बात करना
वाक्य प्रयोग – अध्यापक ने विद्यार्थियों को समझाया कि हमें कभी छोटे मुँह बड़ी बात नहीं करनी चाहिए, वरना पछताना पड़ेगा।
15. जख्म पर नमक छिड़कना
अर्थ: दुःखी या परेशान को और परेशान करना
वाक्य प्रयोग – जब सोहन भिखारी को बुरा-भला कहने लगा तो मैंने कहा कि हमें किसी के जख्म पर नमक नहीं छिड़कना चाहिए।
16. टक्कर खाना
अर्थ: बराबरी करना
वाक्य प्रयोग – जो धूर्त हैं उनसे टक्कर लेने से क्या लाभ ?
17. ठिकाने लगाना
अर्थ: मार डालना
वाक्य प्रयोग – अपहरणकर्ताओं ने भवन के बेटे को ठिकाने लगा ही दिया।
18. डंके की चोट पर
अर्थ: खुल्लमखुल्ला
वाक्य प्रयोग – शेरसिंह जो भी काम करता है, डंके की चोट पर करता है।
19. दिल बाग-बाग होना
अर्थ: अत्यधिक हर्ष होना
वाक्य प्रयोग – वर्षों बाद बेटा घर आया तो माता-पिता का दिल बाग-बाग हो गया।
20. घब्बा लगना
अर्थ: कलंकित करना
वाक्य प्रयोग – मोहन ने चोरी करके खुद पर धब्बा लगा लिया।
21. प्राणों की बाजी लगाना
अर्थ: जान की परवाह न करना
वाक्य प्रयोग – चिंता मत करो। प्राणों की बाजी लगाकर वह तुम्हारी रक्षा करेगा।
22. नाम डुबोना
अर्थ: प्रतिष्ठा, मर्यादा आदि खोना
वाक्य प्रयोग – सीमा ने घर से भाग कर अपने माँ-बाप का नाम डुबो दिया।
23. जी खट्टा होना
अर्थ: मन में वैराग पैदा होना
वाक्य प्रयोग – मेरे दादाजी का तो शहर से जी खट्टा हो गया है। वे अब गाँव में ही रहते हैं।
24. छलनी कर डालना
अर्थ: शोक-विह्वल कर देना
वाक्य प्रयोग – तुम्हारी जली-कटी बातों ने मेरा कलेजा छलनी कर डाला है, अब मुझसे बात मत करो।
25. चहल-पहल होना
अर्थ: रौनक होना
वाक्य प्रयोग – दिवाली के कारण आज बाजार में बहुत चहल-पहल है।
क्या आप जानते हैं कि हिंदी मुहावरे और कहावतें किसे कहते हैं?
FAQs (मुहावरे और लोकोक्तियों से सम्बंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
प्रश्न 1: मुहावरे कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: मुहावरे विभिन्न प्रकारों में आते हैं। यहां कुछ प्रमुख मुहावरे के प्रकार दिए गए हैं:
- तत्सम मुहावरे: जो संस्कृत शब्दों से सीधे लिए गए होते हैं। उदाहरण: “मुह में राम बगल में छुरी”।
- तद्भव मुहावरे: जो संस्कृत शब्दों से उत्पन्न होते हैं। उदाहरण: “आँखों में धूल झोंकना”।
- देशज मुहावरे: जो किसी विशेष देश या क्षेत्र से संबंधित होते हैं। उदाहरण: “नाच न जाने आंगन टेढ़ा”।
- विदेशी मुहावरे: जो विदेशी भाषा से लिए गए होते हैं। उदाहरण: “जीते जी मरना”।
- नैतिक मुहावरे: जो नैतिक मूल्यों और सत्यापित ज्ञान को साझा करते हैं। उदाहरण: “जो गंदे काम करेगा, वह बदनाम होगा”।
ये केवल कुछ प्रमुख प्रकार हैं और मुहावरे इसके अलावा भी विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किए जा सकते हैं।
प्रश्न 2: मुहावरे के नियम क्या हैं?
उत्तर: मुहावरे के उपयोग में कुछ नियम होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:
- अर्थ समझें: मुहावरे का प्रयोग करते समय, उनके अर्थ को समझें। मुहावरों का शाब्दिक अर्थ अलग होता है, इसलिए उन्हें सामान्य शब्दों के साथ नहीं लेना चाहिए।
- प्रयोग की समय-स्थान ध्यान रखें: मुहावरों का सही प्रयोग करने के लिए, समय, स्थान और परिस्थितियों के अनुरूप चुनें।
- वाक्य में समानता बनाएं: मुहावरे का प्रयोग करते समय, वाक्य में समानता और सहजता बनाए रखें।
- संगठन बनाएं: मुहावरे का उपयोग करते समय, उन्हें संगठित और सुरक्षित ढंग से प्रयोग करें। वाक्य में उन्हें ठीक स्थान पर रखें और सामर्थ्यपूर्ण रूप से उन्हें समाहित करें।
- उदाहरण का प्रयोग करें: अच्छे मुहावरे को समझाने के लिए उदाहरणों का प्रयोग करें। इससे आपके अर्थ का स्पष्टीकरण होगा और सही वाक्यांश का चयन करने में मदद मिलेगी।
ये कुछ मुहावरे के नियम हैं, जिनका पालन करके आप मुहावरों का सही उपयोग कर सकते हैं।
प्रश्न 3: मुहावरे कैसे पढ़े जाते हैं?
उत्तर: मुहावरे पढ़ने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
- अध्ययन करें: मुहावरों के अर्थ, प्रयोग और उदाहरणों का अध्ययन करें। मुहावरे की परिभाषा समझें और उनके अर्थ को समझने की कोशिश करें।
- उदाहरणों का पठन करें: विभिन्न लेखों, पुस्तकों और साहित्यिक कार्यों में मुहावरों के उदाहरणों का पठन करें। इससे आप उनका सही प्रयोग समझ सकेंगे।
- वाक्यांशों में खोजें: वाक्यांशों में मुहावरों की खोज करें। कई बार वाक्यांश में मुहावरे सीधे उपयोग किए जाते हैं और इनका अर्थ वाक्य के संदर्भ में स्पष्ट होता है।
- अभ्यास करें: मुहावरों के साथ अभ्यास करें। उन्हें रेगुलर रूप से पढ़ें और उनका अर्थ समझें। अभ्यास करने से आप उन्हें आसानी से याद कर सकेंगे।
- संवादों में प्रयोग करें: मुहावरों को संवादों में प्रयोग करें। व्याकरण और संवाद अभ्यास करते समय मुहावरे को उपयोग करें, जिससे आप उन्हें और बेहतर से समझ सकें।
इन तरीकों का प्रयोग करके आप मुहावरे को समझने और उनका उपयोग करने में सक्षम हो सकते हैं। धीरज और अभ्यास से आप मुहावरों के अधिकारी बन सकते हैं।
प्रश्न 4: मुहावरे कैसे बनते हैं?
उत्तर: मुहावरे बनाने का काम विभिन्न तत्वों के संयोजन द्वारा होता है। यहां कुछ प्रमुख तत्व दिए गए हैं जिनके माध्यम से मुहावरे बनाए जा सकते हैं:
- व्यक्तिगत अनुभव: व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर मुहावरे बनाए जा सकते हैं। व्यक्तिगत अनुभवों की जीवनी, कार्यकलापों और सामान्य दृष्टिकोण से प्रेरित मुहावरे विकसित किए जा सकते हैं।
- प्राकृतिक तत्व: प्रकृति से जुड़े तत्वों, जैसे कि जल, हवा, आकाश, पेड़-पौधे आदि के आधार पर मुहावरे बनाए जा सकते हैं। ये मुहावरे प्राकृतिक वातावरण और उसकी विशेषताओं को दर्शाते हैं।
- लोक संस्कृति: लोक संस्कृति, जैसे कि कहानियां, गीत, किस्से, कहावतें और किस्सा-कथाओं के आधार पर मुहावरे बनाए जा सकते हैं। इनसे लोक संस्कृति की विरासत में से भाग लिया जा सकता है।
- इतिहास और साहित्य: ऐतिहासिक घटनाओं, व्यक्तियों और साहित्यिक कार्यों से भी मुहावरे बनाए जा सकते हैं। ऐतिहासिक और साहित्यिक दृष्टिकोण से मुहावरों को सृजित किया जा सकता है।
ये थे कुछ मुख्य तत्व जिनके माध्यम से मुहावरे बनाए जा सकते हैं। मुहावरे के बनाने में रचनात्मकता, संयोजन क्षमता और अभिव्यक्ति की कला का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 5: मुहावरों और लोकोक्तियों में क्या अंतर है उदाहरण सहित?
उत्तर: मुहावरे और लोकोक्तियाँ दो अलग-अलग प्रकार की व्याख्यानिक वाणी हैं। इसके बावजूद, यहां कुछ मुख्य अंतर दिए गए हैं:
- मुहावरा: मुहावरा एक विशेष भाषा प्रयोग है जिसमें वाक्यांश या शब्द का विशेष अर्थ होता है। यह भाषा के रंग और विविधता को बढ़ाता है। उदाहरण के रूप में, “आँखों में धूल झोंकना” एक मुहावरा है जिसका अर्थ होता है ‘संकोच करना’।
- लोकोक्ति: लोकोक्ति एक सामान्य सत्यापित ज्ञान या साहित्यिक कथा का सार होती है। यह आमतौर पर जनसाधारण द्वारा उचित मानी जाती है और सामान्य जीवन की अनुभूतियों को व्यक्त करती है। उदाहरण के रूप में, “जैसा राजा वैसी प्रजा” एक लोकोक्ति है जिसका अर्थ होता है ‘जैसा नेता, वैसी जनता’।
मुहावरे और लोकोक्तियों में अंतर यह है कि मुहावरा एक विशेष अर्थ और वाणीकी तकनीक को उजागर करता है, जबकि लोकोक्ति एक सामान्यतः सत्यापित ज्ञान का प्रतिष्ठान है जो जनसाधारण द्वारा स्वीकार्य माना जाता है।
प्रश्न 6: लोकोक्ति और मुहावरे को कैसे पहचाने?
उत्तर: लोकोक्ति और मुहावरे को पहचानने के लिए आप निम्नलिखित तत्वों पर ध्यान दे सकते हैं:
- अर्थ: लोकोक्ति सामान्यतः सीधे और सामान्य अर्थ का प्रदर्शन करती है, जबकि मुहावरा वाणीकी तकनीक का प्रयोग करके विशेष अर्थ का दर्शान करता है। इसलिए, अर्थ के माध्यम से इन्हें पहचाना जा सकता है।
- सामान्यता: लोकोक्तियाँ आमतौर पर जनसाधारण द्वारा स्वीकार्य मानी जाती हैं और सामान्य जीवन की अनुभूतियों को व्यक्त करती हैं। मुहावरे वाणीकी विचार और अभिव्यक्ति को बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
- प्रयोग: लोकोक्तियाँ आमतौर पर सामान्य भाषा और भाषाई रचनाओं में प्रयोग की जाती हैं। मुहावरे वाक्यांश या शब्दों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं। इसलिए, प्रयोग के माध्यम से इन्हें पहचाना जा सकता है।
इन तत्वों का ध्यान रखकर आप लोकोक्ति और मुहावरे को पहचान सकते हैं। ज्यादातर लोकोक्तियाँ सामान्य और सीधे अर्थ में होती हैं, जबकि मुहावरे विशेष भाषा प्रयोग करके विशेष अर्थ का प्रदर्शन करते हैं।
प्रश्न 7: लोकोक्ति का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर: लोकोक्ति का दूसरा नाम “मुक्तक” होता है।
प्रश्न 8: लोकोक्ति कैसे लिखते हैं?
उत्तर: लोकोक्ति लिखने के लिए आप निम्नलिखित नियमों का पालन कर सकते हैं:
- संक्षेप में लिखें: लोकोक्ति को संक्षेप में लिखें ताकि उसका अर्थ स्पष्ट रहे। एक संक्षिप्त वाक्य जिसमें अधिकतम ज्ञान व्यक्त हो उचित होता है।
- अर्थपूर्णता बनाएं: लोकोक्ति को लिखते समय, उसकी अर्थपूर्णता और स्पष्टता का ध्यान रखें। इससे पाठक को सही बोध होगा।
- शैली बनाएं: लोकोक्ति को लिखते समय एक विशेष शैली का पालन करें। यह आमतौर पर साधारण भाषा और संयोजन के साथ सम्पन्न होती है।
- अंतर्विराम न लगाएं: लोकोक्ति को लिखते समय अंतर्विराम (कोमा) या दण्डविराम नहीं लगाएं। इससे उसकी संक्षेपता बढ़ेगी और उसका प्रभाव बढ़ेगा।
- पूर्ण वाक्य रखें: लोकोक्ति को लिखते समय पूर्ण वाक्य रखें। अधूरे वाक्यों में उसका सही अर्थ समझना मुश्किल हो सकता है।
- सही रूप में प्रकट करें: लोकोक्ति को सही रूप में लिखें। उच्चारण और वर्तनी के माध्यम से इसकी सही प्रदर्शनी करें।
इन नियमों का पालन करके आप लोकोक्ति को सही ढंग से लिख सकते हैं। ध्यान रखें कि लोकोक्ति संक्षेप में लिखी जाती है और उसका अर्थ स्पष्टता से प्रदर्शित होना चाहिए।
प्रश्न 9: लोकोक्ति क्या है उदाहरण?
उत्तर: लोकोक्ति एक सामान्यतः सत्यापित ज्ञान या साहित्यिक कथा का सार होती है। यह आमतौर पर जनसाधारण द्वारा उचित मानी जाती है और सामान्य जीवन की अनुभूतियों को व्यक्त करती है। यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
- जैसा राजा वैसी प्रजा.
- जहां चाह वहां राह.
- अंधों में काना राजा.
- नेताओं की गंगा, जनता की जल रही है.
- नदी में उतरना.
- आप भले तो जग भला.
- चोर की दाढ़ी में तिनका.
- बरसात में भीगना.
ये उदाहरण लोकोक्तियों को बेहतर से समझने में मदद करेंगे। लोकोक्तियाँ अपार सामान्य ज्ञान, अनुभव और सत्यापित ज्ञान को सामान्य शब्दों और वाक्यों में व्यक्त करती हैं।
प्रश्न 10: लोकोक्ति कितने प्रकार की होती है?
उत्तर: लोकोक्ति विभिन्न प्रकारों में आती है। यहां कुछ प्रमुख प्रकार दिए गए हैं:
- द्रष्टांतिक लोकोक्ति: जो व्यक्ति या घटना के द्वारा एक दृष्टांत का वर्णन करती है। इसमें किसी अनुभव, कथा या घटना के आधार पर ज्ञान का संक्षिप्त प्रदर्शन होता है।
- नीतिपरक लोकोक्ति: जो नैतिक मूल्यों, सत्यापित ज्ञान और जीवन के मार्गदर्शन के साथ संबंधित होती है। इनमें नैतिकता, सदभाव, अनुशासन और जीवन के संबंधित मुद्दों का प्रतिष्ठान होता है।
- देशज लोकोक्ति: जो किसी विशेष देश या क्षेत्र से संबंधित होती है। इनमें स्थानीय जीवन, लोक संस्कृति, राजनीति और ऐतिहासिक परंपराओं का प्रतिष्ठान होता है।
- निरूक्तिक लोकोक्ति: जो शब्दों के विशेष अर्थ या उच्चारण को व्यक्त करती है। इसमें शब्दों के विभिन्न रूपों, भेदों और उच्चारण के माध्यम से ज्ञान का प्रदर्शन होता है।
ये कुछ मुख्य प्रकार हैं, जिनमें लोकोक्ति प्रस्तुत होती है। इन प्रकारों में विभाजित किए जा सकते हैं।
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आप इन 25 महत्वपूर्ण हिंदी के मुहावरे और लोकोक्तियों का अर्थ और वाक्यों में प्रयोग का यूट्यूब विडियो भी देख सकते हैं।
अंतिम शब्द
उम्मीद है कि यहाँ आपको मुहावरे और लोकोक्तियों के बारे में अच्छी जानकारी मिल गई होंगी, आपको इन्हें वाक्यों में प्रयोग करके अच्छी तरह से अपनी भाषा को समृद्ध करेंगे। यदि आपको हिंदी के मुहावरे और लोकोक्तियों का यह पोस्ट पसंद आया होतो इसे सोशल मीडिया में शेयर जरुर करें।