Breast me Ganth ke lakshan Hindi | ब्रेस्ट में गांठ का घरेलू उपचार 2023

Breast me Ganth ke lakshan in Hindi | ब्रेस्ट में गांठ का घरेलू उपचार 2023!

ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो महिलाओं में पायी जाती है, लेकिन यह पुरुषों में भी हो सकती है। यह लक्षणों के माध्यम से पहचाना जा सकता है और उपचार करने के लिए सही समय में देखभाल की जाती है।

इस लेख में हम आपको ब्रेस्ट में गांठ के लक्षणों के बारे में विस्तार से बताएंगे ताकि आप जान सकें कैसे यह समस्या के संकेतों को पहचान सकते हैं और उचित इलाज के लिए कदम उठा सकें।

गांठ के प्रकार

1. स्तन की शांतिपूर्ण गांठें: ज्यादातर मामलों में, स्तन की गांठें शांतिपूर्ण होती हैं और कैंसर से संबंधित नहीं होती हैं। ये गांठें स्थिर रहती हैं और समय-समय पर बदलती नहीं हैं।

2. स्तन कैंसर: गांठों में से कुछ गंभीर होती हैं और कैंसर से जुड़ी होती हैं। ये गांठें आकार बढ़ा सकती हैं और आसपास की ऊतकों में फैल सकती हैं।

Breast me Ganth ke lakshan in Hindi |  ब्रेस्ट में गांठ के लक्षण (Breast Cancer Symptoms)

ब्रेस्ट में गांठ के लक्षण को समझना महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह ब्रेस्ट कैंसर के संकेतों का हिस्सा हो सकते हैं। ब्रेस्ट में गांठ के लक्षणों को समझने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना महत्वपूर्ण होता है:

1. स्तनों में दर्द या बेचैनी: अगर आपको स्तनों में असामान्य दर्द या बेचैनी महसूस होती है, तो यह एक संकेत हो सकता है। ब्रेस्ट कैंसर के मामूल लक्षणों में से एक यह भी हो सकता है।

2. स्तनों की त्वचा में बदलाव: अगर स्तनों की त्वचा पर लाल, गांठेदार, या खुदरा दिखाई देता है, तो यह ब्रेस्ट कैंसर के संकेत हो सकते हैं। त्वचा की इस बदलाव के साथ-साथ गर्मी महसूस हो सकती है।

3. स्तनों से श्वेत या पीले रंग का तरल निकलना: यदि स्तनों से श्वेत या पीले रंग का तरल निकलने लगे तो यह गंभीर संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

4. स्तनों की आकार में परिवर्तन: अगर स्तनों की आकार में अचानक परिवर्तन होता है, तो यह भी एक लक्षण हो सकता है। किसी भी प्रकार की अनौपचारिक गांठ के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

5. स्तनों से खून आना: अगर स्तनों से खून या सूजन के साथ खून आने लगे, तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। यह ब्रेस्ट कैंसर के संकेत हो सकते हैं।

6. निप्पल में परिवर्तन: असामान्य निप्पल की आकृति, रंग या निप्पल से रक्तस्राव का होना गंभीर संकेत हो सकता है।

7. ऊतकों में सूजन: गांठ के पास आसपास की ऊतकों में सूजन होना भी एक संकेत हो सकता है।

8. स्तन में गांठ महसूस होना: यदि आपको स्तन में किसी एक स्थान पर गांठ महसूस होती है, तो यह ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है। गांठ का आकार छोटा या बड़ा हो सकता है और यह आमतौर पर स्तन के अंदर अथवा त्वचा के नीचे महसूस होती है।

9. त्वचा के अंदर रबड़ के समान गांठ बनना: ब्रेस्ट के अंदर गांठ का आकार छोटा और रबड़ के समान बन सकता है। यह गांठ बिना किसी दर्द के हो सकती है और यह आमतौर पर स्तन के अंदर महसूस होती है।

10. स्तन की त्वचा गर्म और लालिमा होना: गांठ के स्थान पर स्तन की त्वचा गरम और लालिमा होना भी एक ब्रेस्ट कैंसर के संकेत के रूप में सामने आ सकता है। यदि गांठ के पास त्वचा लाल होती है और गरमी महसूस होती है, तो डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक होता है।

11. स्तन की गांठ के किनारों पर चिकनापन: गांठ के किनारों पर चिकनापन या मोटापन महसूस होना भी एक ब्रेस्ट कैंसर के संकेत का हिस्सा हो सकता है। यदि गांठ के पास किनारों पर चिकनापन महसूस होता है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

यदि आपको ये लक्षण मिलते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है। ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती स्तर पर पहचान और उपचार से बीमारी को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया जा सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर के कारण (Causes of Breast Cancer)

ब्रेस्ट में गांठ क्यों बनती है इस के कारणों को समझने के लिए हमें विज्ञान की मदद लेनी चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, निम्नलिखित कारकों से ब्रेस्ट कैंसर की संभावना बढ़ सकती है:

1. आयु और लिंग: उम्र और लिंग ब्रेस्ट कैंसर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। महिलाएँ 50 वर्ष की उम्र के बाद अधिक प्रवृत्ति होती हैं।

2. आवासीय इलाके: प्रदूषण और अन्य अनियमितताओं के कारण आवासीय इलाकों में ब्रेस्ट कैंसर की आशंका बढ़ सकती है।

3. आपातकालीन परिवारिक इतिहास: यदि परिवार में पहले किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ हो, तो आपकी संभावना बढ़ सकती है।

4. फोड़ा या संक्रमण: एक फोड़े या संक्रमण के कारण भी स्तन में गांठ बन सकती है। यह अक्सर बैक्टीरिया या अन्य संक्रमण के कारण हो सकता है और गांठ में दर्द और सूजन का कारण बन सकता है।

5. एडेनोमा या फाइब्रोएडीनोमा: एडेनोमा और फाइब्रोएडीनोमा भी स्तन में गांठ के कारण बन सकते हैं। एडेनोमा, स्तन के ग्रंथियों के कुछ हिस्सों में विकसित होने वाली एक गांठ का कारण बनते हैं। फाइब्रोएडीनोमा, जिन्हें स्तन के ऊतकों में विकसित होने वाली गांठें भी कहा जा सकता है, ब्रेस्ट में गांठ के रूप में महसूस हो सकती हैं।

6. फाइब्रोसिस्टिक परिवर्तन: फाइब्रोसिस्टिक परिवर्तन एक और कारण हो सकता है जिसके कारण स्तन में गांठें बन सकती हैं। इसमें स्तन के ऊतकों में स्थित स्थानों की बदलाव होती है जिससे गांठें बन सकती हैं।

7. साधारण सिस्ट: कुछ स्तनों में साधारण सिस्ट भी बन सकती हैं, जिन्हें बिना किसी गंभीर कारण के महसूस किया जा सकता है। ये सामान्य रूप से बिना इलाज के ठीक हो जाती हैं।

8. इंट्राडक्टल पेपिलोमा: इंट्राडक्टल पेपिलोमा स्तन की निप्पल के नीचे की गांठ का कारण बन सकता है। यह गांठ अक्सर बिना किसी दर्द के होती है, लेकिन डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है।

9. लिपोमा: लिपोमा एक प्रकार की अत्यधिक सूजन की गांठ होती है जो स्तन में भी बन सकती है। यह गांठ आमतौर पर मल्टिपल होती है और बिना किसी दर्द के होती है।

10. मोटा परिगलन: मोटा परिगलन भी स्तन में गांठ के कारण बन सकता है। यह गांठ स्तन के अंदर या बाहर हो सकती है और आमतौर पर ठीक हो जाती है।

11. स्तन की सूजन: कई बार स्तन की सूजन भी गांठ के कारण बन सकती है। यह गांठ के साथ दर्द और तनाव की अवस्था में हो सकती है।

यदि आपको स्तन में किसी भी प्रकार की गांठ का अनुभव हो, तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर की सलाह से सही दाग पर उपचार हो सकता है और समस्या को समय रहते निपटाया जा सकता है।

ब्रेस्ट में गांठ का घरेलू उपचार

ब्रेस्ट में गांठ का घरेलू उपचार का एक सामान्य और प्राकृतिक तरीका है। यहाँ हम कुछ घरेलू नुस्खे देखेंगे जिन्हें स्तन में गांठ के उपचार के रूप में आजमाया जा सकता है:

1. गर्म पानी के बैठक: गर्म पानी में नमक डालकर बैठने से स्तन की गांठों में राहत मिल सकती है। गर्म पानी की बैठक द्वारा सूजन कम हो सकती है और गांठों में दर्द में आराम मिल सकता है।

2. लहसुन का उपयोग: लहसुन के गुणों के कारण इसका सेवन करने से भी स्तन में गांठों का इलाज किया जा सकता है। लहसुन को ताजा या पीसकर खाने से उसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण गांठों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

3. हल्दी और दूध: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। दूध में प्रोटीन और कैल्शियम होता है जो स्तन के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

4. अलसी के बीज: अलसी के बीजों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो स्तन की स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं। अलसी के बीजों को पानी में भिगोकर सेवन करने से उनके गुणों का लाभ मिल सकता है।

5. प्याज का रस: प्याज के रस में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गांठों को कम करने में मदद कर सकते हैं। प्याज के रस को स्तन पर लगाने से उसके गुण स्तन में समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

6. नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम से स्तन की सिरे की ब्लड सर्कुलेशन बेहतर हो सकती है और गांठों को भी कम करने में मदद मिल सकती है। योग और प्राणायाम भी स्तन की स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

 

7. गर्म सेंक: गर्म सेंक का मतलब होता है स्तनों में गरमाहट का अनुभव करना। यह स्तनों के पास की खिली त्वचा पर स्थित होने वाले सेंक के कारण हो सकता है। यह सामान्य रूप से स्तनों में महसूस होने वाली गरमाहट की एक स्थिति होती है जो आमतौर पर पीरियड के समय होती है।

8. आयोडीन: आयोडीन स्तन के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है और इसकी कमी स्तन में गांठ के कारण बन सकती है। सेंसोडाइन आयोडीन का स्रोत हो सकता है और इसका सेवन करने से स्तन की स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।

9. सपोर्ट ब्रा पहनें: सपोर्ट ब्रा पहनने से स्तन की मांसपेशियों में दबाव कम हो सकता है और गांठों के उपचार में सहायक हो सकता है। यह गांठों के दर्द को कम करने में भी मदद कर सकता है।

10. चाय के पेड़ की तेल: चाय के पेड़ की तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गांठों के उपचार में मदद कर सकते हैं। इसे गांठों के स्थान पर मलिश करके उसके गुणों का लाभ उठाया जा सकता है।

11. सेब का सिरका: सेब के सिरके में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो स्तन की स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं। सेब के सिरके को पानी में मिलाकर स्तन के स्थान पर लगाने से उसके गुणों का लाभ मिल सकता है।

12. एलोविरा: एलोविरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो स्तन की स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। एलोविरा के गेल को स्तन के स्थान पर लगाने से उसके गुण स्तन में समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

13. रेंड़ी का तेल: रेंड़ी के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और पेनकिलर गुण होते हैं जो गांठों के उपचार में मदद कर सकते हैं। यह तेल गांठों के स्थान पर लगाकर मसाज करने से उसके गुणों का लाभ मिल सकता है।

14. चुड़ैल अखरोट: चुड़ैल अखरोट में आंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो स्तन की स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं। चुड़ैल अखरोट को स्तन के स्थान पर लगाने से उसके गुण स्तन में समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

15. शहद: शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो स्तन की स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। शहद को गांठों के स्थान पर लगाने से उसके गुणों का लाभ मिल सकता है।

ध्यान दें कि ये घरेलू उपचार केवल सामान्य गांठों के लिए हैं और गंभीर स्थितियों में डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

FAQs (Frequently Asked Questions)

प्रश्न 1: ब्रेस्ट कैंसर का इलाज क्या है?

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज व्यक्ति के लक्षणों, स्थिति, और चिकित्सक की सलाह के आधार पर किया जाता है। इसमें सर्जरी, कीमोथेरेपी, और रेडिएशन थेरेपी शामिल हो सकती है।

प्रश्न 2: क्या स्तन कैंसर पुरुषों में होता है?

हां, स्तन कैंसर पुरुषों में भी हो सकता है, लेकिन यह महिलाओं में अधिक होता है।

प्रश्न 3: क्या ब्रेस्ट कैंसर संबंधित जांचें पूरी तरह से पैनी होती हैं?

ब्रेस्ट कैंसर संबंधित जांचें आपके स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता द्वारा सिफारिश के आधार पर की जाती हैं।

Conclusion

ब्रेस्ट में गांठ के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय पर उपचार से आप इस गंभीर समस्या को पहचान सकते हैं और उचित इलाज प्राप्त कर सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और नियमित चेकअप करवाने से ब्रेस्ट कैंसर की संभावना को कम किया जा सकता है।

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